"सभी तीन न्यूटन के गति नियम" की सारी जानकारी:-
📘आखिर कहाँ लिखे हैं न्यूटन के गति नियम 📘
न्यूटन ने अपने गति विषयक नियमों को सन् 1686-87 में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "प्रिंसिपिया" में लिया था।
न्यूटन ने गति विषायक "3 निगमों" का प्रतिपादन किया था।
इन नियमों के आधार पर "आकाशीय व पार्थिव पिंडों" की स्थितियों के विषय में जो भाविकानाहीयों की जाती है वे पूर्णतः सही होती है।
☝न्यूटन का गति का प्रथम निगम☝
यदि कोई वस्तु विरामावस्था है तो वह वस्तु विरामावस्था में ही रहेगी तथा यदि कोई गति की अवस्था में हैं, तो एक समान गति की अवस्था में ही रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए।
किसी वस्तु पर बाहय बल, लगाने से उसकी विरामावस्था तथा एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन होता।
🌑उदाहरण🌑
(i) यदि कोई पुस्तक मेज पर रखी है, तो वह तब तक उसी अवस्था में मेज पर ही रखी रहेगी वि तक कि उस पर कोई बल लगाकर वहां से हटा न दिया जाए।
(ii) यदि जमीन पर किसी गेंद को किसी "वेग" से लुढ़का दिया जाए तो वह कुछ दूरी पर जाकर रुक जाती है। क्योंकि गेंद पर जमीन द्वारा "गति'' के विपरीत दिशा में लगने वाला घर्षण बल है।
गेंद को अगर जमीन के बजाए चिकनी सतह जैसे फर्श पर लुढ़कामा जाए तो वह कुछ अधिक पूरी तय करेगी। क्योंकि चिकने फर्श पर घर्षण बल जमीन ने मुकाबले कम होता है।
वस्तुओं की इस प्रवृति को अगर ने स्वतः अपनी विराम तथा "गति" की अवस्था में के न बदलने पर उसे "जड़त्व" कहते हैं।
✌न्यूटन का गति विषयक दूसरा नियम✌
किसी भी वस्तु पर लगाया गया बल उस वस्तु के द्रव्यमान तथा उस वस्तु में बल की दिशा में उत्पन्न "त्वरण" के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है।
जब किसी वस्तु पर बाह्य बल लगाया जाता है और उस वस्तु में "त्वरण" उतपन्न हो जाता है। यह त्वरण आरोपित बल के अनुक्रमानुपाती होता है। जैसे किसी वस्तु पर लगने वाला बल बढ़ता है, वैसे-वैसे वस्तु का "त्वरण" भी बढ़ता है। इसी प्रकार जैसे जैसे किसी वस्तु का द्रव्यमान बढ़ता है, वस्तु का "त्वरण" कम हो जाता है।
🌑उदाहरण 🌑
(i) किसी वस्तु से भरी हुई गाड़ी की तुलना में खाली गाडी को धकेलना आस्यमहोगा, और आपक के लिए अधिक त्वरण की आवश्यकता होगी।
(ii) चलने वाले दो लोगों में से, यदि एक दूसरे से भारी है, तो वजन में भारी व्यक्ति धीमी "गति" से चलेगा क्योंकि हल्के व्यक्ति की गति अधिक है।
✋ 🚴न्यूटन का गति का तीसरा नियम✋🚴
"प्रत्येक क्रिया की, उसके बराबर परन्तु विपरीत दिशा में प्रक्रिया होती हैं। अथवा प्रत्येक क्रिया की समान तथा विपरीत प्रक्रिया होती है।"
जब कोई वस्तु किससे दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल, विपरीत दिशा में लगती है। इस ही" क्रिया प्रतिक्रिया का नियम अथवा न्यूटन का तीसरा नियम कहते हैं।
प्रत्येक Action का Reaction होता है।
पहली वस्तु द्वारा लगाये गए बल को action कहते हैं। तथा दूसरी वस्तुघारा लगाएगए बल को Reaction कहते है।
पहली वस्तु द्वारा लगाए गए बल को action कहते हैं। तथा दूसरी वस्तु द्वारा लगाए गए बल को Reaction कहते हैं।
🌑उदाहरण 🌑
(i)जब हम पृथ्वी पर चलते हैं, तो हम पैर से पृथ्वी को पीछे धकेलते हैं। पैर पर प्रतिक्रिया बल विपरीत दिशा मे कार्य करता है, जिससे हम आगे की ओर चल पाते हैं।
(ii) गोली छूटने पर बन्दुक पीछे को गति करती है। बन्दुकले गोली छूटने पर आदरी की और जो बल लगाया जाता है। गोती आगे जाती है।
इसकी प्रतिक्रिया के रूपद्वारा गोलीद्वारा भी बन्दुक पर के पीछे की और उतना ही बल लगता है, जिससे बन्दूक पीछे की ओर भागती है।








