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Showing posts from April, 2019

सेकेंड की परिभाषा (Definition of Second)

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सेकेण्ड यह समय का मात्रक है। इसकी प्रथम परिभाषा सन 1960 से पहले दी गई थी। उस समय,  समय का मात्रक माध्य सौर दिवस के आधार पर परिभाषित था। इसके अनुसार- माध्य सौर दिन का 1/86400  वाँ  भाग 1 सेकेंड  कहलाता है। इसके बाद सन 1967 में समय की एक अलग ही परिभाषा दी गई। यह परिभाषा तरंग के कंपन पर आधारित है। समय की यही परिभाषा वर्तमान में प्रचलित है। इस परिभाषा के अनुसार- 1 सेकंड वह समय अंतराल है जिसमें सीज़़ियम-133 (Cesium-133) परमाणु द्वारा उत्सर्जित एक विशेष तरंगदैर्घ्य वाले विकिरण (प्रकाश विकिरण) के 9,19,26,31,770 कंपन होते हैं। यह समय का परमाण्वीय मात्रक कहलाता है।

किलोग्राम की परिभाषा ( डेफिनेशन ऑफ किलोग्राम)(definition of kilogram)

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किलोग्राम (किग्रा) (kilogram) यह द्रव्यमान का मात्रक होता है।  सन 1887 में इसको परिभाषित किया गया था। इसकी परिभाषा जो कि प्लेटिनम इरीडियम के उस ठोस बेलनाकार टुकड़े से पड़ी है जो माप तौल की अंतर्राष्ट्रीय समिति के पास फ्रांस में सीवर्स (sevres) नामक स्थान पर रखा है। उस समय इस टुकड़े को ही द्रव्यमान की अंतरराष्ट्रीय इकाई माना गया था। वर्तमान में द्रव्यमान की जो परिभाषा प्रचलित है उस परिभाषा के अनुसार परमाण्विक स्केल पर कार्बन-12 Crabon-12 के 5.1088×10^25 परमाणुओं का द्रव्यमान 1 किलोग्राम   होता है। यह द्रव्यमान का परमाण्वीय मात्रक कहलाता है। इसके अतिरिक्त  4 डिग्री सेल्सियस पर 1000.028 घन सेंटीमीटर पानी का द्रव्यमान भी एक किलोग्राम होता है Kilogram किलोग्राम

मीटर की परिभाषा [ definition of Meter ]

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लंबाई का मापन प्राचीन काल में बालिश्त, पैर की लंबाई, उंगली की चौड़ाई तथा एक कदम की दूरी इन सभी मापों का लंबाई के मात्रक के रूप में सामान्यतः उपयोग होता था। प्रारंभ में संसार के विभिन्न भागों में लोग लंबाई के मात्रक के रूप में फुट का उपयोग करते थे। 3 फुट 1 गज के बराबर होता था । 1 गज कपड़ा लोग फैली बाँह के सिरे से अपने ठोड़ी तक मापते थे। रोम वासी अपने पग अथवा कदमों से लंबाई को मापते थे। मिस्र में लंबाई मापने के लिए हाथ (कोहनी से उंगली के छोर तक की लंबाई) का उपयोग किया जाता था। इस प्रकार शरीर के विभिन्न भागों का मात्रकों के रूप में उपयोग होता रहा है। परंतु प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की माप समान नहीं हो सकती। अतः वर्ष 1790 में फ्रांसीसियों ने मापन की एक मानक प्रणाली की रचना की जिसे मीट्रिक पद्धति कहते हैं एक समानता के लिए समस्त संसार के वैज्ञानिकों ने मापन के मानक मात्रकों की एक अंतरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (एस आई मात्रक प्रणाली) की रचना की जिसे सभी वैज्ञानिकों ने स्वीकारा है। इसके अनुसार,  मीटर Meter यह लंबाई का मात्रक है। इसको सन 1960 में परिभाषित किया गया था। 19

सार्थक अंक क्या होते हैं, कैसे निकालते हैं, परिभाषा,नियम और उदाहरण (Significant Figure)

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सार्थक अंक (significant figure)  सार्थक अंक क्या होते हैं?  साधारणतः  मापन के परिणामों को एक संख्या के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिसमें वे सभी अंक सम्मिलित होते हैं जो विश्वसनीय (निश्चित) है तथा वह प्रथम अंक भी सम्मिलित होता है जो अनिश्चित है। किसी माप के मान में वे सभी अंक जो निश्चित हैं तथा इनके साथ का प्रथम अनिश्चित अंक, सार्थक अंक कहलाते हैं। सार्थक अंकों की धारणा बहुत महत्वपूर्ण है। सार्थक अंक मापन की परिशुद्धता इंगित करते हैं। इनसे यह संकेत मिलता है कि कोई माप किस सीमा तक विश्वसनीय है। सार्थक अंक किसे कहते हैं? किसी माप के उन अंको, जिन तक हम प्रमाणिक एवं यथार्थ जानकारी कर सकते हैं, को सार्थक अंक कहते हैं। The digits that reflect the precision of the measurement are called significant figure. सार्थक अंक कैसे पहचाने जाते हैं ? यदि मापन के बाद किसी वस्तु की लंबाई 479.5 व्यक्त की जाती है, तो इसमें अंक 4,7,9 तो निश्चित एवं विश्वसनीय हैं जबकि दशमलव बिंदु के बाद का अंक 5 अनिश्चित है, इस प्रकार मांपे  गए मान में चार सार्थक अंक हैं।   सार्थ

धारा रेखी प्रवाह [Stream line flow]

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धारा रेखी प्रवाह द्रव का धारा रेखीय प्रवाह एक व्यवस्थित प्रवाह है जिसमें द्रव के प्रवाह का एक क्रम होता है अर्थात प्रत्येक कण उसी पथ का अनुसरण करेगा (करता है), जिस पथ पर उससे आगे वाला कण चलता है। {Stream line flow} It is an orderly motion, in which every particle of liquid follows the same path as is being followed by its preceding particle. यह एक नियमित प्रवाह है। कण द्वारा चले गए पथ को धारा रेखा कहते हैं। धारा रेखा के किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा, स्पर्श बिंदु पर द्रव के वेग की दिशा को दर्शाती है। स्पष्ट हो कि दो धारा रेखाएं रेखा एक दूसरे को किसी भी बिंदु पर नहीं काटती हैं। यदि वे काटती है तो उनके कटान बिंदु पर द्रव के वेग की दो दिशाएं होंगी जो कि द्रव की साम्यावस्था में संभव नहीं है धारा रेखा का तात्पर्य सरल रेखा नहीं है, सामान्यतः किसी द्रव के प्रवाह की धारा एक वक्र होती है किन्तु यदि द्रव पर पार्श्व दाब (lateral pressure) समान हो तो धारा रेखा सरल रेखा होती है। धारा रेखीय प्रवाह का विशेष गुण यह है कि किसी निश्चित बिंदु पर द्रव के प्रवाह का वेग समय के

वृत्तीय गति [Circular Motion]

वृत्तीय गति जब कोई कण किसी वृत की परिधि के अनुदिश गति करता है, तो कण  कि इस गति को वृत्तीय गति कहते हैं। यदि कण की रेखीय चाल एक समान अथवा नियत रहती है, तो इसे एकसमान वृत्तीय गति कहते हैं। एकसमान वृत्तीय गति में कण के त्वरण का परिमाण नियत रहता है परन्तु दिशा लगातार बदलती रहती है तथा दिशा सदैव कण के वेग की दिशा के लंबवत होती है

आवर्त गति [ Harmonic Motion or Periodic Motion ]

आवर्त गति - जब कोई पिण्ड एक निश्चित समय अंतराल के बाद एक निश्चित पथ पर अपनी गति को बार-बार दोहराता है, तो पिंड की इस गति को आवर्त गति कहते हैं । आवर्तकाल इस निश्चित समय अंतराल को जिसके बाद गति की पुनरावृति होती है, आवर्तकाल कहते हैं। उदाहरण - सूर्य की परिक्रमा करती पृथ्वी की गति आवर्त गति है जिसका आवर्तकाल 365 दिन अथवा 1 वर्ष है। पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चंद्रमा की गति भी आवर्त गति है, जिसका आवर्तकाल 27.3 दिन है। घड़ी की सुइयों की गति भी आवर्त गति है, जिनमें घंटे वाली सुई का आवर्तकाल 12 घंटे, मिनट वाली सुई का आवर्तकाल एक घंटा (60 मिनट) और सेकंड की सुई का आवर्तकाल एक मिनट (60 सेकेंड) होता है। सभी ग्रहों और उपग्रहों की गति भी आवर्त गति है। एकसमान वृत्तीय गति भी आवर्त गति है।