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Showing posts from November, 2019

केल्विन क्या है, किसका मात्रक है, इसकी परिभाषा एवं संकेत [Kelvin]

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केल्विन की परिभाषा और संकेत केल्विन क्या है? केल्विन मूल मात्रक होता है।  यह ताप का S.I. मात्रक होता है, अर्थात किसी भी वस्तु का तापक्रम एस आई पद्धति में प्रदर्शित करने के लिए केल्विन शब्द का उपयोग किया जाता है। केल्विन का प्रतीक K होता है। केल्विन किसका मात्रक   है - यह S.I. पद्धति में ताप का मात्रक होता है. केल्विन की मानक परिभाषा- कहीं-कहीं साक्षात्कार(इंटरव्यू) में केल्विन की मानक परिभाषा पूछ ली जाती है जिसमें सफल होने के लिए आपको मानक परिभाषा का पता होना आवश्यक है। केल्विन की मानक परिभाषा- "एक केल्विन जल के त्रिक बिंदु के उष्मागतिक ताप का 1/273.16 वां भाग होता है।"                                     अथवा "एक वायुमंडलीय दाब पर उबलते जल के ताप तथा गलते बर्फ के ताप के अंतर का 100 वां भाग एक केल्विन के बराबर होता है।" नोट- जल का त्रिक बिंदु 273.16 केल्विन है।

जानिए क्या होती हैं व्युत्पन्न राशियाँ [Derived Quantities]

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व्युत्पन्न राशियां in hindi व्युत्पन्न राशियां क्या होती हैं? व्युत्पन्न राशियों की परिभाषा  - "वह भौतिक राशियां जो मूल राशियों की सहायता से व्यक्त की जाती हैं व्युत्पन्न राशियां कहलाती हैं।" "उन भौतिक राशियों को व्युत्पन्न राशि कहा जाता है जिन्हें मूल राशियों की सहायता से व्यक्त किया जाता है।" "मूल तथा पूरक राशियों के अलावा सभी भौतिक राशियों  को व्युत्पन्न राशि कहा जाता है।" व्युत्पन्न राशियों के उदाहरण- क्षेत्रफल,  बल, घनत्व, वेग, चाल  इत्यादि।

जानिए क्या होते हैं व्युत्पन्न मात्रक [Derived Units]

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व्युत्पन्न मात्रक की परिभाषा एवम् उदाहरण व्युत्पन्न मात्रक क्या होते हैं  व्युत्पन्न मात्रक की परिभाषा - "व्युत्पन्न मात्रक वे मात्रक होते हैं जो किसी व्युत्पन्न राशि को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।" "वे मात्रक जिनको मूल मात्रकों की सहायता से प्राप्त किया जाता है व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।" व्युत्पन्न मात्रकों को मूल मात्रकों के पदों में व्यक्त किया जाता है। व्यु त्पन्न मात्रक के उदाहरण क्षेत्रफल का मात्रक      मीटर²   घनत्व का मात्रक      किलोग्राम/मीटर³ वेग का मात्रक        मीटर/सेकंड बल का मात्रक    किलोग्राम-मीटर/सेकेंड² तथा ऊष्मा का मात्रक  जूल = न्यूटन-मीटर                                 = Kg-m²/s² कार्य का मात्रक    वाट  = ज़ूल/सेकेंड                                = न्यूटन-मीटर/ सेकेंड                                = Kg-m²/s³ बल का मात्रक  न्यूटन  = किग्रा-मीटर/सेकेंड²                                 = Kg-m/s² दाब का मात्रक  पास्कल = न्यूटन/मीटर²                             = किग्रा-मीटर/

चर, अचर तथा नियातांक [Variable and Constant]

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विमीय नियतांक चर, अचर तथा नियतांक विमीय चर - विमीय चर वे भौतिक राशियां हैं जिनकी विमाएं होती हैं तथा परिमाण नियत नहीं होता है। उदाहरण-  क्षेत्रफल,  आयतन,  त्वरण, बल आदि। विमाहीन चर - विमाहीन चर वे भौतिक राशियां हैं जिनकी विमाएँ नहीं होती तथा परिमाण भी नियत नहीं होता है। विमाहीन चर के उदाहरण-   कोण, विकृति, आपेक्षिक घनत्व, लेंस की क्षमता, त्रिकोणमिति फलन,  लघुगणक फलन, चरघातांकीय फलन आदि। विमीय नियतांक - विमीय नियतांक वे भौतिक राशियां हैं जिनकी विमाएं होती हैं तथा मान नियत रहता है। विमीय नियतांक के उदाहरण गुरुत्वाकर्षण नियतांक G, गैस नियतांक R, प्लांक नियतांक h आदि। विमाहीन नियतांक - वे नियत राशियां हैं  जिनकी विमा नहीं होती है। उदाहरण  शुद्ध अंक 1, 2, 3, 4, 5,...., π,e आदि।

विमा, विमीय सूत्र, विमीय समीकरण [Dimensions, Dimensional Formula, Dimensional Equation]

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विमा, विमीय सूत्र एवम् विमीय समीकरण विमा तथा विमीय सूत्र तथा विमीय समीकरण- हम  जानते  हैं  कि  द्रव्यमान,  लंबाई,  समय, ताप,  विद्युत धारा,  ज्योति तीव्रता,  तथा पदार्थ की  मात्रा  की  मूल  राशियों  को क्रमश:  [M],  [L],  [T],  [K],  [A],  [cd], तथा  [mol]   से  प्रदर्शित  करते  हैं, तथा   किसी व्युत्पन्न राशि को मूल राशियों के पदों में व्यक्त करने के लिए मूल राशियों पर कुछ घातें लगाकर उनके गुणनफल के रूप में लिखते हैं।  जैसे  क्षेत्रफल =  लंबाई × चौड़ाई              =  [L]×[L]               =  [L²] इसे L two पड़ते हैं ना कि L square आयतन = लंबाई × चौड़ाई × ऊंचाई             =  [L]×[L]×[L]             =  [L³] इसे L three पढ़ते हैं ना कि L cube घनत्व  = द्रव्यमान / आयतन              =  [M] / [L³]              =  [ML⎻³] इसे ML minus three पड़ते हैं।   उपरोक्त उदाहरणों में  [L²], [L³], [ML⎻³]   को  क्रमशः क्षेत्रफल ,  आयतन ,   घनत्व    के  विमीय सूत्र  कहते हैं, तथा   L पर लगी  घातें  इन भौतिक  राशियों की  विमाएं  कहलाती हैं। इस प्र

[Ampere] एम्पियर क्या है, इसकी परिभाषा, मानक परिभाषा एवम् प्रतीक

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एम्पियर की परिभाषा एम्पियर विद्युत धारा का मात्रक होता है। एम्पियर की परिभाषा "1 एम्पियर उस विद्युत धारा के बराबर होती है जो किसी चालक के परिच्छेद में प्रति सेकेंड 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित करने पर उत्पन्न होती है" चूंकि हम जानते हैं कि 1 कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6.25 × 10¹⁸  होती है। अतः इस आधार पर एंपियर की परिभाषा कुछ इस प्रकार होगी - "1 एंपियर धारा उस विद्युत धारा के बराबर होती है जो किसी चालक के परिच्छेद से  6.25 × 10¹⁸   इलेक्ट्रॉन प्रति सेकेंड गुजरने पर उत्पन्न होती है" इसके अलावा परीक्षा में एंपियर की मानक परिभाषा भी पूछ ली जाती है जिसको याद रखना और समझना अति आवश्यक है एंपियर की मानक परिभाषा एंपियर की मानक परिभाषा विद्युत चुंबकीय बल के आधार पर निम्नवत दी जाती है- "1 एंपियर वह विद्युत धारा होती है जिसे निर्वात में परस्पर 1 मीटर की दूरी पर स्थित दो समांतर चालकों में प्रवाहित करने पर चालकों की प्रति मीटर लंबाई पर 2 × 10⎻⁷ न्यूटन का प्रतिकर्षण अथवा आकर्षण बल उत्पन्न होता है।" यह एंपियर की मानक परिभाषा है। एम