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यथार्थता क्या है? यथार्थता का अर्थ, यथार्थता की परिभाषा, यथार्थता का उदाहरण

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यथार्थता क्या है? यथार्थता का अर्थ, यथार्थता की परिभाषा तथा यथार्थता का उदाहरण यथार्थता (Accuracy) वह शब्द है जो किसी वस्तु की माप की, उसकी वास्तविक माप  से निकटता प्रदर्शित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। (Accuracy is the term used to indicate the closeness of a measurement to its accurate value.) यथार्थता, सापेक्ष त्रुटि के द्वारा निश्चित होती है तथा यथार्थता का सूत्र

सापेक्ष त्रुटि / आपेक्षिक त्रुटि अथवा भिन्नात्मक़ त्रुटि

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सापेक्ष अथवा भिन्नात्मक त्रुटि -  किसी भौतिक राशि का प्रेषित मान,              x ± Δx =  x{1 ± Δx/x}  माना  Δx/x=p                          = x (1±p)                                     =  x ± xp अतः किसी राशि की माप को    x (1±p)    के रूप में लिखने पर '  x  ' उस राशि की  प्रेक्षित माप  तथा '  p  ' उस माप में  सापेक्ष त्रुटि  होती है।  प्रेक्षित माप  x   को  (x ± Δx)  के रूप में प्रदर्शित करने का तात्पर्य है कि माप का मान  (x - ∆x)  से  (x + Δx)  के बीच कुछ भी हो सकता है, जहाँ  Δx  इस माप में  अधिकतम संभव निरपेक्ष त्रुटि  है। माना यदि किसी राशि की माप x = 4.236 सेमी हो, तो इस माप में दाहिनी ओर का अन्तिम अंक अनिश्चित होता है। यहाँ अंक 6 अनिश्चित है। यदि प्रयोग किये गये यंत्र का अल्पतमांक  ज्ञात नहीं है तो इस माप में निरपेक्ष  त्रुटि  Δx  ज्ञात करने लिए, माप के दाहिनी ओर के अन्तिम अंक के स्थान पर  1 तथा शेष सभी स्थानों पर शून्य लिख देने पर सामान्यतया यंत्र का   अल्पतमांक प्राप्त हो जाता है,   जो  निरपेक्ष त

अनुमेय त्रुटि क्या है? इसकी परिभाषा व सूत्र

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अनुमेय त्रुटि की परिभाषा अनुमेय त्रुटि किसे कहते हैं? प्रत्येक प्रयोग में प्रयुक्त किये गये मापक यंत्रों के अल्पतमांकों के निश्चित मानों के कारण उन यंत्रों द्वारा ली गयी मापों में आयी सापेक्ष त्रुटियों के कारण, गणना करने पर प्रयोग के फल में जो सापेक्ष त्रुटि आ जाती है, उसे अनुमेय त्रुटि कहते हैं।   अन्य त्रुटियों के समान, इसका भी अधिकतम मान ही ज्ञात किया जाता है।   यदि किसी प्रयोग में,                    Y = AˣBʸ/Cᶻ , तो Y में अनुमेय त्रुटि ΔY/Y = {xΔA/A + yΔB/B - zΔC/C}   (यह समीकरण कैसे आया? जानने के लिए सबसे नीचे देखिए...)   तथा y में अधिकतम अनुमेय त्रुटि , ΔY/Y = { xΔA/A + yΔB/B + zΔC/C } (यहां केवल माइनस की जगह प्लस(+) लगा देते हैं)   Y में अधिकतम अनुमेय त्रुटि, प्रतिशत में =     ΔY/Y × 100% =  { xΔA/A + yΔB/B + zΔC/C } × 100%     विशेष - यदि  Y = AˣBʸ/Cᶻ                   Y = AˣBʸC⁻ᶻ दोनों ओर का log लेने पर , logy = xlogA + ylogB - zlogC इस समीकरण का आंशिक अवकलन करने पर ΔY/Y = xΔA/A +

निरपेक्ष त्रुटि क्या होती है? इसकी परिभाषा, मात्रक तथा सूत्र

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निरपेक्ष त्रुटि किसे कहते हैं निरपेक्ष त्रुटि निरपेक्ष त्रुटि क्या है?  निरपेक्ष त्रुटि शब्द का प्रयोग किसी भी मापक यंत्र द्वारा मापन में रह जाने वाली कमी  के  लिए किया जाता है,   जिस कमी को अधिकतर वह मापक यंत्र ना माप सकता हो इस कमी को ही निरपेक्ष त्रुटि के नाम से जाना जाता है। निरपेक्ष त्रुटि की परिभाषा,  " किसी मापक यंत्र द्वारा किसी भौतिक राशि के प्रेषित मान तथा उस भौतिक राशि के शुद्ध मान में जो अंतर होता है, उसको मापक यंत्र की निरपेक्ष त्रुटि कहते हैं।" निरपेक्ष त्रुटि को    परम त्रुटि   भी कहा जाता है । निरपेक्ष त्रुटि का मान धनात्मक अथवा ऋणात्मक हो सकता है, किन्तु शून्य कभी नहीं हो सकता है । निरपेक्ष त्रुटि का सूत्र - यदि किसी भौतिक राशि का यथार्थ मान xₐ  हो तथा मापक यंत्र द्वारा प्रेक्षित मान x हो तथा इस प्रेक्षित मान में निरपेक्ष त्रुटि Δx  हो, तब निरपेक्ष त्रुटि           Δx = x - xₐ निरपेक्ष त्रुटि का मात्रक-  निरपेक्ष त्रुटि Δx के मात्रक वही होंगे जो x तथा xₐ के हैं। निरपेक्ष त्रुटि का अधिकतम मान कि

जानिए क्या होता है अल्पतमांक

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अल्पतमांक किसी भी भौतिक राशि को मापने के लिए मापक यंत्र का प्रयोग किया जाता है ; जैसे - लम्बाई मापने के लिए मीटर पैमाना, वर्नियर कैलीपर्स, स्क्रूगेज, आदि प्रयोग किये जाते हैं। किसी मापक यंत्र द्वारा मापी जा सकने वाली न्यूनतम माप को उस मापक यंत्र का अल्पतमांक (least count) कहते हैं। जैसे — मीटर पैमाने का अल्पतमांक 0.1 cm = 1 mm होता है वर्नियर कैलीपर्स का अल्पतमांक 0.01 cm =0.1 mm होता है स्क्रूगेज का अल्पतमांक 0.001 cm =0.01 mm होता है अतः मीटर पैमाने द्वारा किसी रेखा की लम्बाई मापने पर 0.1 cm से कम अर्थात् सेमी के दशमलव के दूसरे अंक में मापन संभव नहीं है। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी रेखा की लम्बाई 39.43 cm है तो मीटर पैमाना इसे 39.4 cm तक शुद्ध पढ़ेगा परन्तु शेष 0.03 cm की शुद्ध माप लेना इस मीटर पैमाने से संभव नहीं होगा। इस प्रकार किसी 'मापक यंत्र' द्वारा प्राप्त मान शुद्ध / यथार्थ (correct / accurate) नहीं होता है। उसके द्वारा मापन में कोई न कोई त्रुटि अवश्य ही होती है। माप में होने वाली अशुद्धता को त्रुटि कहते हैं।

केल्विन क्या है, किसका मात्रक है, इसकी परिभाषा एवं संकेत [Kelvin]

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केल्विन की परिभाषा और संकेत केल्विन क्या है? केल्विन मूल मात्रक होता है।  यह ताप का S.I. मात्रक होता है, अर्थात किसी भी वस्तु का तापक्रम एस आई पद्धति में प्रदर्शित करने के लिए केल्विन शब्द का उपयोग किया जाता है। केल्विन का प्रतीक K होता है। केल्विन किसका मात्रक   है - यह S.I. पद्धति में ताप का मात्रक होता है. केल्विन की मानक परिभाषा- कहीं-कहीं साक्षात्कार(इंटरव्यू) में केल्विन की मानक परिभाषा पूछ ली जाती है जिसमें सफल होने के लिए आपको मानक परिभाषा का पता होना आवश्यक है। केल्विन की मानक परिभाषा- "एक केल्विन जल के त्रिक बिंदु के उष्मागतिक ताप का 1/273.16 वां भाग होता है।"                                     अथवा "एक वायुमंडलीय दाब पर उबलते जल के ताप तथा गलते बर्फ के ताप के अंतर का 100 वां भाग एक केल्विन के बराबर होता है।" नोट- जल का त्रिक बिंदु 273.16 केल्विन है।

जानिए क्या होती हैं व्युत्पन्न राशियाँ [Derived Quantities]

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व्युत्पन्न राशियां in hindi व्युत्पन्न राशियां क्या होती हैं? व्युत्पन्न राशियों की परिभाषा  - "वह भौतिक राशियां जो मूल राशियों की सहायता से व्यक्त की जाती हैं व्युत्पन्न राशियां कहलाती हैं।" "उन भौतिक राशियों को व्युत्पन्न राशि कहा जाता है जिन्हें मूल राशियों की सहायता से व्यक्त किया जाता है।" "मूल तथा पूरक राशियों के अलावा सभी भौतिक राशियों  को व्युत्पन्न राशि कहा जाता है।" व्युत्पन्न राशियों के उदाहरण- क्षेत्रफल,  बल, घनत्व, वेग, चाल  इत्यादि।

जानिए क्या होते हैं व्युत्पन्न मात्रक [Derived Units]

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व्युत्पन्न मात्रक की परिभाषा एवम् उदाहरण व्युत्पन्न मात्रक क्या होते हैं  व्युत्पन्न मात्रक की परिभाषा - "व्युत्पन्न मात्रक वे मात्रक होते हैं जो किसी व्युत्पन्न राशि को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।" "वे मात्रक जिनको मूल मात्रकों की सहायता से प्राप्त किया जाता है व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।" व्युत्पन्न मात्रकों को मूल मात्रकों के पदों में व्यक्त किया जाता है। व्यु त्पन्न मात्रक के उदाहरण क्षेत्रफल का मात्रक      मीटर²   घनत्व का मात्रक      किलोग्राम/मीटर³ वेग का मात्रक        मीटर/सेकंड बल का मात्रक    किलोग्राम-मीटर/सेकेंड² तथा ऊष्मा का मात्रक  जूल = न्यूटन-मीटर                                 = Kg-m²/s² कार्य का मात्रक    वाट  = ज़ूल/सेकेंड                                = न्यूटन-मीटर/ सेकेंड                                = Kg-m²/s³ बल का मात्रक  न्यूटन  = किग्रा-मीटर/सेकेंड²                                 = Kg-m/s² दाब का मात्रक  पास्कल = न्यूटन/मीटर²                             = किग्रा-मीटर/

चर, अचर तथा नियातांक [Variable and Constant]

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विमीय नियतांक चर, अचर तथा नियतांक विमीय चर - विमीय चर वे भौतिक राशियां हैं जिनकी विमाएं होती हैं तथा परिमाण नियत नहीं होता है। उदाहरण-  क्षेत्रफल,  आयतन,  त्वरण, बल आदि। विमाहीन चर - विमाहीन चर वे भौतिक राशियां हैं जिनकी विमाएँ नहीं होती तथा परिमाण भी नियत नहीं होता है। विमाहीन चर के उदाहरण-   कोण, विकृति, आपेक्षिक घनत्व, लेंस की क्षमता, त्रिकोणमिति फलन,  लघुगणक फलन, चरघातांकीय फलन आदि। विमीय नियतांक - विमीय नियतांक वे भौतिक राशियां हैं जिनकी विमाएं होती हैं तथा मान नियत रहता है। विमीय नियतांक के उदाहरण गुरुत्वाकर्षण नियतांक G, गैस नियतांक R, प्लांक नियतांक h आदि। विमाहीन नियतांक - वे नियत राशियां हैं  जिनकी विमा नहीं होती है। उदाहरण  शुद्ध अंक 1, 2, 3, 4, 5,...., π,e आदि।

विमा, विमीय सूत्र, विमीय समीकरण [Dimensions, Dimensional Formula, Dimensional Equation]

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विमा, विमीय सूत्र एवम् विमीय समीकरण विमा तथा विमीय सूत्र तथा विमीय समीकरण- हम  जानते  हैं  कि  द्रव्यमान,  लंबाई,  समय, ताप,  विद्युत धारा,  ज्योति तीव्रता,  तथा पदार्थ की  मात्रा  की  मूल  राशियों  को क्रमश:  [M],  [L],  [T],  [K],  [A],  [cd], तथा  [mol]   से  प्रदर्शित  करते  हैं, तथा   किसी व्युत्पन्न राशि को मूल राशियों के पदों में व्यक्त करने के लिए मूल राशियों पर कुछ घातें लगाकर उनके गुणनफल के रूप में लिखते हैं।  जैसे  क्षेत्रफल =  लंबाई × चौड़ाई              =  [L]×[L]               =  [L²] इसे L two पड़ते हैं ना कि L square आयतन = लंबाई × चौड़ाई × ऊंचाई             =  [L]×[L]×[L]             =  [L³] इसे L three पढ़ते हैं ना कि L cube घनत्व  = द्रव्यमान / आयतन              =  [M] / [L³]              =  [ML⎻³] इसे ML minus three पड़ते हैं।   उपरोक्त उदाहरणों में  [L²], [L³], [ML⎻³]   को  क्रमशः क्षेत्रफल ,  आयतन ,   घनत्व    के  विमीय सूत्र  कहते हैं, तथा   L पर लगी  घातें  इन भौतिक  राशियों की  विमाएं  कहलाती हैं। इस प्र